छत्तीसगढ

Swami Atmanand : मुख्यमंत्री ने स्वामी आत्मानंद की जयंती पर उन्हें किया नमन

रायपुर, 06 अक्टूबर। Swami Atmanand : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में स्वामी आत्मानंद की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद ने स्वामी रामकृष्ण परमहंस की भावधारा को छत्तीसगढ़ की जमीन पर साकार किया और मानव सेवा व शिक्षा संस्कार की अलख जगाई। स्वामी विवेकानंद के विचारों का भी आत्मानंद जी पर भी गहरा असर हुआ, जिससे उन्होंने अपना पूरा जीवन दीन-दुखियों की सेवा में बिता दिया। मठ और आश्रम स्थापित करने के लिए एकत्र की गई राशि उन्होंने अकाल पीड़ितों की सेवा और राहत काम के लिए खर्च कर दी।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि स्वामी आत्मानंद जी का समाज सुधारक और शिक्षाविद् के रूप में छत्तीसगढ़ में बड़ा योगदान है। उनके मानव सेवा के क्षेत्र में किए गए कार्य अनुकरणीय और प्रेरणास्पद है। उन्होंने पीड़ित मानवता की सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया। उनके आदर्शों और विचारों से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। स्वामी आत्मानंद जी ने वनवासियों के उत्थान के लिए नारायणपुर आश्रम में उच्च स्तरीय शिक्षा केन्द्र की स्थापना की। राज्य सरकार द्वारा इसी तर्ज पर जिला मुख्यालयों और विकासखण्डों में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश और हिन्दी मीडियम स्कूल शुरू किये जा रहे हैं। प्रदेश में ग्रामीण सहित दूरस्थ अंचलों में 753 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी एवं हिंदी माध्यम के स्कूल संचालित हो रहे हैं। इसी कड़ी में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा देने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम कॉलेज भी प्रारंभ किया जा रहा है। इस पहल को और आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना शुरू की है, जिससे गरीब और दूरस्थ क्षेत्र के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ आगे बढ़ने के सभी अवसर उपलब्ध हो सके। इस योजना के माध्यम से इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रदेश के 146 विकासखंड मुख्यालयों और चार शहरों- रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा सहित 150 कोचिंग सेंटर के माध्यम से शासकीय स्कूलों में कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद जी नेे आदिवासियों के सम्मान एवं उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए अबूझमाड़ प्रकल्प की स्थापना की। नारायणपुर में वनवासी सेवा केन्द्र प्रारंभ कर वनवासियों की दशा और दिशा सुधारने के प्रयास किए। राज्य सरकार ने भी उनके पदचिन्हों पर चलते हुए वनवासियों से वाजिब दामों पर वनोपजों की खरीदी कर राष्ट्रीय स्तर पर कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने अकाल के समय गर्भवती माताओं के लिए पौष्टिक भोजन की शुरूआत की जिससे की बच्चे कुपोषित न हो। राज्य सरकार ने महिलाओं और बच्चों के लिए गरम भोजन की व्यवस्था करते हुए कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ गढ़ने का संकल्प लेकर मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि स्वामी आत्मानंद के विचार मूल्य हमेशा सेवा और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए प्रेरित करते रहेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button