Special Article : कोरबा में लागू नहीं था नियम…मुख्यमंत्री ने लागू कराया…अब विशेष पिछड़ी जन जाति के 29 युवाओं को मिली सरकारी नौकरी
![Special Article: Rule was not applicable in Korba…Chief Minister got it implemented…Now 29 youths of special backward castes got government jobs](https://newsmonitor24.com/wp-content/uploads/2023/01/WhatsApp-Image-2023-01-13-at-5.05.49-PM-e1673612077611.jpeg)
रायपुर, 13 जनवरी। Special Article : छतीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजातियाँ दूरस्थ वनांचलों में रहती है। इन (Special Article) जनजातियों के लोग वनोपज इकट्ठा कर, खेती किसानी कर अपना जीवनयापन करती है।राज्य के ही आदिवासी अंचल सरगुज़ा और बस्तर संभाग में सरकारी नौकरियों में तीसरे वर्ग के पदों पर भर्ती में स्थानीय जनजातीय युवाओं को नियुक्त करने का नियम था। परंतु कोरबा ज़िले के जनजातीय बाहुल्य और विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरबा, बिरहोर का निवास स्थल होने के बाद भी यह नियम कोरबा ज़िले में लागू नहीं था।
इस नियम के लागू नहीं होने से यहाँ के जनजातीय युवाओं को शिक्षित और योग्य होने के बाद भी सरकारी नौकरियों में आने का मौक़ा नहीं मिल पा रहा था। राज्य में भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री का पद सम्भालते ही इस विसंगति को दूर कर स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरियों में भर्ती का रास्ता साफ़ कर दिया। मुख्यमंत्री ने ज़िला स्तर पर तृतीय श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिए स्थानीय जनजातीय युवाओं को लेने के नियम को कोरबा ज़िले में लागू किया।
इसका फ़ायदा लेकर अब तक क़रीब 29 पहाड़ी कोरबा और बिरहोर विशेष पिछड़ी जनजाति के युवक-युवतियों को सरकारी नौकरी मिल गई है।पाँचवी और आठवीं कक्षा पास यह युवा आदिवासी विकास विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग में भृत्य के पदों पर काम कर रहे है।