नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार (26 अगस्त) को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 5 नए जिलों के गठन की घोषणा की है। इन नए जिलों के नाम जांस्कर, द्रास, शाम, नुबरा और चांगथांग हैं। इस निर्णय के साथ ही लद्दाख में अब कुल जिलों की संख्या 7 हो जाएगी। इससे पहले, लद्दाख में केवल दो जिले, लेह और कारगिल, थे।
अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा कि मोदी सरकार ने लद्दाख में 5 नए जिले बनाने का निर्णय लिया है। सरकार हर गली-मोहल्ले में शासन को मजबूत करके लोगों के लिए अवसर बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह घोषणा 5 अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद आई है, जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला था और आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया गया था। लद्दाख, केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते, केंद्रीय गृह मंत्रालय के सीधे नियंत्रण में आता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस निर्णय की सराहना की और इसे बेहतर शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने X पर पोस्ट किया, लद्दाख में 5 नए जिले बनना बेहतर शासन और समृद्धि की दिशा में एक कदम है। इन जिलों में अब ज्यादा ध्यान दिया जाएगा, जिससे सेवाएं और अवसर लोगों के और भी करीब आएंगे। वहां के लोगों को बधाई।
लद्दाख भौगोलिक दृष्टि से एक बहुत बड़ा केंद्र शासित प्रदेश है, जो भारत के सबसे कम आबादी वाले और दुर्गम क्षेत्रों में से एक है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण जिला प्रशासन को जमीनी स्तर तक पहुंचने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब, नए जिलों के बनने से केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन को लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचने में मदद मिलेगी।
गृह मंत्रालय ने लद्दाख प्रशासन से नए जिलों के गठन के सभी पहलुओं जैसे जिला मुख्यालय, सीमाएं, संरचना, और पदों का निर्माण का आकलन करने के लिए एक समिति बनाने और तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख नए जिलों के निर्माण के संबंध में अंतिम प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजेगा।
लद्दाख के लोगों की मांग है कि इसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिले और इसे छठी अनुसूची के तहत विशेष अधिकार दिए जाएं। अगर पूर्ण राज्य का दर्जा न भी मिले, तो विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश होना चाहिए। 4 मार्च को लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ गृह मंत्रालय की बैठक में भी लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की गई थी।