National Bhojli Festival : मित्रता का अभूतपूर्व उत्सव है भोजली…राष्ट्रीय भोजली महोत्सव में शामिल हुए CM
![National Bhojli Festival: Bhojli is an unprecedented festival of friendship...CM participated in the National Bhojli Festival](https://newsmonitor24.com/wp-content/uploads/2023/08/MNN.jpg)
रायपुर, 30 अगस्त। National Bhojli Festival : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रीय भोजली महोत्सव-2023 में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर मित्रता का अभूतपूर्व उत्सव ’भोजली’ पर्व के आयोजन के लिए गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति को बधाई दी और इसे प्राचीन सांस्कृतिक परम्पराओं को सहेजने की दिशा में सराहनीय बताया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि भोजली का पर्व हमारी विशिष्ट छत्तीसगढ़ी संस्कृति है। भोजली मित्रता का उत्सव भी है। छत्तीसगढ़ में मित्रता के अटूट बंधन के लिए भोजली बदने की परम्परा रही है। इस तरह से भोजली केवल एक पारंपरिक अनुष्ठान नहीं रह जाता अपितु लोगों के दिल में बस जाता है।
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मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि जब हमारी संस्कृति बचेगी, तभी हम बचेंगे। जब हमें अपनी संस्कृति पर गौरव होगा, तभी हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। हम प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए कार्य तो कर ही रहे हैं। कर्ज माफी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना जैसी अनेक योजनाओं से प्रदेश के सभी वर्गों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है लेकिन इसके साथ ही हम सांस्कृतिक विकास को भी उतना ही महत्व दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि हमने देवगुड़ियों और घोटुल के संरक्षण के लिए कार्य किया है। मुख्यमंत्री पर्व सम्मान निधि और आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के माध्यम से हम स्थानीय उत्सवों को मनाने के लिए सभी पंचायतों को दस हजार रुपए वार्षिक सहायता दे रहे हैं। बस्तर में हमने बादल का गठन किया है। बस्तर लोक संस्कृति एवं भाषा अकादमी नाम से जानी जाने वाली इस संस्था के माध्यम से बस्तर के लोकगीतों को, लोकधुनों को और पारंपरिक रिवाजों को तथा बोली को सहेजने का काम हो रहा है। इसके माध्यम से बस्तर की सांस्कृतिक सुंदरता को दुनिया जान पा रही है।
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मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारी आदिवासी संस्कृति बेहद खूबसूरत है। इसके नृत्य, संगीत, परिधान और भाषा-बोली अपने में अनेक रंग समेटे हैं। इसकी सुंदरता को दुनिया जाने और इसे इसका वास्तविक मान मिल सके, इसके लिए हमने राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का आयोजन कराया। इस महोत्सव के माध्यम से देश-विदेश के कलाकारों ने अपना हुनर दिखाया। इतने बड़े मंच पर आदिवासी कला का आयोजन पहले कभी नहीं हुआ था और इसे भरपूर सराहना मिली।
इस अवसर पर खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, विधायक श्री रामकुमार यादव, महापौर रायपुर नगर पालिक निगम श्री एजाज ढेबर और छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओड़िशा तथा राजस्थान आदि राज्यों से आदिवासी समाज के पुरूष-महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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