नई दिल्ली । दिल्ली के कथित शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव-2024 में प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत देते हुए अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद 2 जून को उन्हें तिहाड़ जेल प्रशासन के समक्ष समर्पण करना पड़ा। इससे पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी अंतरिम जमानत याचिका की अवधि को बढ़वाने के लिए अर्जी दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। सीएम केजरीवाल ने फिर ट्रायल कोर्ट का रुख किया और जमानत याचिका दाखिल की। पिछले दिनों उनकी याचिका पर सुनवाई हुई, जिसे 14 जून तक के लिए टाल दिया गया। दरअसल, सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर कोर्ट ने जांच एजेंसी ईडी से जवाब मांगा था। एजेंसी ने कोर्ट में 182 पेज में अपना जवाब दाखिल किया। कोर्ट ने जब सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई की तो उनके वकील ने कोर्ट से अलग ही मांग कर डाली। केजरीवाल के वकील ने कहा कि जमानत याचिका पर एजेंसी ने तकरीबन 200 पेज में जवाब दाखिल किया है, जिसे पढ़ने के लिए उन्हें अभी और समय चाहिए। कोर्ट ने केजरीवाल के वकील के अनुरोध को स्वीकार करते हुए जमानत याचिका पर सुनवाई 14 जून 2024 तक के लिए टाल दिया। जांच एजेंसी ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें 21 मार्च को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया कि शराब नीति घोटाले से जुड़े मामले में केजरीवाल किंगपिन हैं। ईडी का कहना है कि पैसों के बदले दिल्ली की आबकारी नीति बनाई गई थी। हालांकि, अरविंद केजरीवाल ने इस आरोप को निराधार बताते हुए इसे मनगढ़ंत बताया है। केजरीवाल का कहना है कि दर्जनों छापे और सर्च ऑपरेशन के बाद भी जांच एजेंसी को एक भी पैसा नहीं मिला है।
ईडी ने उठाया ऐसा कदम बैकफुट पर आ गए केजरीवाल
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