नई दिल्ली । दिल्ली के पूर्व समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने विधायक के रूप में उन्हें अयोग्य ठहराने के लिए उन्हें दिए गए दिल्ली विधानसभा के नोटिस पर कानूनी राय ले रहे हैं। राज कुमार आनंद ने अप्रैल में आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर नई दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। आनंद ने कहा कि उन्होंने अभी तक नोटिस का जवाब नहीं दिया है। आनंद ने कहा कि मुझे कारण बताओ नोटिस मिला है, लेकिन मैंने इसका जवाब नहीं दिया है। मैं इस मामले में कानूनी सलाह ले रहा हूं। मैं अपने वकीलों की सलाह पर कदम उठाऊंगा। वहीं क्या दलबदल रोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराए जाने की स्थिति में वह अदालत का रुख करेंगे? इस पर पूर्व मंत्री आनंद ने कहा कि वह इस हफ्ते के अंत तक इस पर फैसला करेंगे। जबकि दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने बताया कि आनंद ने न तो नोटिस का जवाब दिया है और न ही मंगलवार को उनके समक्ष उपस्थित हुए, जैसा कि उनसे आशा थी। राम निवास गोयल ने आगे कहा हम उन्हें इस मामले में कारण बताने के लिए भौतिक रूप से उपस्थित होने का एक और मौका देंगे। इसके बाद मामले में कानूनी राय के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। आनंद को विधानसभा ने 31 मई को दलबदल रोधी कानून के तहत नोटिस दिया था और 10 जून को शाम 5 बजे तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। वह 2020 के चुनाव में पश्चिमी दिल्ली के पटेल नगर (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। उन्होंने भ्रष्टाचार और पार्टी में संगठनात्मक नियुक्तियों में दलित नेताओं और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी छोड़ दी थी। आनंद को 2022 में दिल्ली मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।
दिल्ली विधानसभा के दलबदल रोधी कानून के नोटिस
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