पंचांग की गणना एवं धर्मशास्त्रीय मान्यता के अनुसार, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर शनिवार का योग आ रहा है। चतुर्दशी तिथि शनिवार को प्रातः 11:00 तक रहेगी, जिससे यह दिन चतुर्दशी ही कहलाएगा।
धर्मशास्त्र की गणना के अनुसार:
धर्मशास्त्र की मान्यता के अनुसार, सूर्य उदय के समय जो तिथि विद्यमान होती है, वही पर्व काल के नियम के तहत मान्य होती है। 30 नवंबर को चतुर्दशी तिथि प्रातः 11:00 बजे तक रहेगी, इसलिए यह दिन अमावस्या का नहीं कहलाएगा।
भ्रम की स्थिति से बचें:
कुछ लोगों के माध्यम से भ्रांति उत्पन्न की गई है कि यह शनिश्चरी अमावस्या है। परंतु पंचांग की गणना, तिथि का गणित एवं पर्व काल की स्थिति के अनुसार यह स्पष्ट है कि 30 नवंबर को चतुर्दशी तिथि रहेगी।
स्नान दान की अमावस्या:
रविवार, 1 दिसंबर को स्नान दान की अमावस्या होगी। इस दिन तीर्थ पर जाकर स्नान दान करना शुभ माना जाएगा।
निष्कर्ष:
धर्मशास्त्र की गणना और तिथि की स्थिति के आधार पर, 30 नवंबर को शनिश्चरी अमावस्या नहीं होगी, बल्कि यह दिन चतुर्दशी तिथि का होगा। भ्रम की स्थिति से बचें और सही जानकारी के आधार पर निर्णय लें।