इजरायल ने शनिवार को गाजा सिटी के राफा में फिर कहर बरपाया।
इजरायल की तरफ से किए गए हवाई हमलों में 44 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें एक दर्जन से ज्यादा बच्चे हैं।
यह हमला इजरायली प्रधानमंत्री के उस बयान के कुछ ही घंटों बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सेना को निर्देश दिए गए हैं कि जमीनी हमले से पहले वहां फंसे सैकड़ों हजार लोगों को निकाल लिया जाए।
बेंजामिन नेतन्याहू ने इसके लिए कोई तय समय नहीं बताया था, लेकिन इस घोषणा से घबराहट थी। गाजा के पचीसों लाख लोगों में से आधे से अधिक राफा में फंसे हुए हैं।
इजरायल द्वारा जगह को खाली किए जाने के आदेश के बाद यह हाल है। अब उन्हें यह नहीं समझ आ रहा है कि वह जाएं तो कहां जाएं।
इजरायल का कहना है कि मिस्र की सीमा से लगा राफा गाजा में हमास आतंकी समूह का आखिरी गढ़ है। सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद इस युद्ध को चार महीने से अधिक हो चुका है।
उधर मिस्र के विदेश मंत्री सामेह शौकरी ने कहा कि राफा पर अगर जमीनी हमला हुआ तो इसके परिणाम बेहद खतरनाक होंगे।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इजरायल का मकसद फिलिस्तीनियों को उनकी जमीन से बेदखल करना है। एक अन्य मध्यस्थ कतर ने भी इसको लेकर चेतावनी जारी की है।
वहीं, सऊदी अरब ने भी इजरायल को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि इजरायल आए दिन राफा पर हवाई हमले कर रहा है। शनिवार को ही इसी तरह के हुए तीन अन्य हमलों में राफा में 28 लोगों के मारे जाने का दावा किया गया है।
इसमें तीन परिवारों के कई सदस्य मारे गए, जिनमें कुल 10 बच्चे शामिल थे, जिनमें सबसे कम उम्र बच्चे महज 3 महीने के थे। ऐसे ही एक हमले में मृतक के शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए।
फदल अल गनम ने बताया कि उसने अपना बेटा, बहू और चार पोतों को खो दिया है। उसे डर है कि जमीनी हमले होने के बाद हालात और बदतर हो जाएंगे।
फदल ने कहाकि इजरायल कहर बरपा रहा है और दुनिया चुपचाप देख रही है। यह ठीक नहीं हो रहा है।