बिलासपुर : आज आद्यगुरु शंकराचार्य महाभाग के 2531 वे प्राग्ट्य महोत्सव के अवसर पर मारवाड़ी कुंवा शिव मंदिर प्रांगण भाटापारा में रुद्राभिषेक पूजन आराधना का भव्य कार्यक्रम आनंद मय वातावरण में संपन्न हुआ इस पुनीत पर्व में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए आचार्य पंडित झम्मन शास्त्री जी ने शंकराचार्य जी के जीवन वृतांत के संदर्भ में बताया आदि शंकर का आविर्भाव ऐसी विषम परिस्थिति में हुआ हिंदू धर्म को विच्छेद करने विदेशी षड्यंत्र द्वारा आक्रमण हो रहा था अनेकों पंथ कापालिक , बौद्ध ,पाखंडवाद, नास्तिकवाद का तांडव नृत्य हो रहा था । मठ मंदिर तीर्थ धाम पूजा यज्ञ पाठ भजन कथा सत्संग लुप्तप्राय हो चुका था इस संकट काल में भगवान शिव केरल के काल्टी ग्राम में प्रकट होकर 8 वर्ष की आयु में सन्यास ग्रहण कर देश के कोने कोने में भ्रमण कर शास्त्रार्थ में सभी मत मतांतरों को पराजित कर राजा सुधनवा को अपने वश में करके धर्म नियंत्रित शासन तंत्र की स्थापना की । भगवान शंकराचार्य जी ने सनातन धर्म संस्कृति संरक्षण एवं राजतंत्र में दिशाहीनता ना हो इसलिए चार दिशाओं में चार मठों की स्थापना कर सनातन धर्म की ध्वजा को फहराया । वह आज भी शाश्वत है पूरे हिंदुओं के आस्था के केंद्र हैं इस परंपरा में गोवर्धन मठ पुरी पीठ के 145 वें जगतगुरु शंकराचार्य महाभाग द्वारा राष्ट्र उत्कर्ष अभियान यात्रा के द्वारा भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो सुसंस्कृत, सुशिक्षित, सुरक्षित, संपन्न ,सेवा पारायण, सर्वहित प्रद समाज की संरचना विकास तथा राजनीति की परिभाषा हो संगोष्ठी में संदेश प्रसारित करते हैं। आज की आवश्यकता है शंकराचार्य जी के जीवन दर्शन को पाठ्य पुस्तक में शिक्षा प्रणाली में निर्धारित हो जिससे अधिक से अधिक लोगों को युवा पीढ़ी को सनातन गुरु परंपरा शंकराचार्य परंपरा के प्रति आस्था बढ़े। इस अवसर पर वीरेंद्र शर्मा, प्रेम भूषाणियां, सत्यनारायण जोशी, दीपक माल ,नरेश चौबे ,राजेंद्र शर्मा, दीपक राय ,बिहार जोशी, नरेश अग्रवाल, अनिल चांडक, घनश्याम पुरोहित,जितेंद्र, मोहन केसरवानी ,हरिहर शर्मा, प्रियेंद्र शर्मा ,संजय अग्रवाल, संजय शर्मा, विजय शर्मा, गौरव बावला, नरेश शर्मा, महेश गुप्ता, रवि गुप्ता, शिवांश बावला, अंश शर्मा, शिवम गुप्ता वासुदेव गुप्ता सुनील शर्मा रेनू त्रिवेदी सरिता शर्मा भावना शुक्ला रेखा शर्मा आदि बड़ी संख्या में उपस्थित हुए महा आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।
हिंदू धर्म के पुर्न संस्थापक आद्य शंकराचार्य भगवान की 2531 वी जयंती समारोह संपन्न
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